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ios क्या हैं जानें यहां संपूर्ण जानकारी हिंदी में

 


हैलो फ्रेंड्स कैसे हो आप लोग उम्मीद है बढ़िया होंगे । तो दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम कुछ नया  सीखेंगे । 

आज हम बात करने वाले है ios के बारे मे आप ने से कुछ लोग इसके बारे मे जानते भी  होंगे । अगर नहीं जानते तो परेशान होने की जरूरत नहीं है । क्यूंकि आज मैं iOS के बारे में सारी जानकारी देने वाला हु । तो आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़े।


ios क्या हैं (what is iOS in hindi)

ios  एक opreting system हैं जो windows और Android OS की तरह ही Apple के डिवाइस में रन करता है । अब आप Apple का नाम सुनते ही समझ गए होंगे क्यूंकि आज हर कोई Apple का फोन खरीदना चाहता है । लेकिन यह महंगा होने के कारण इसे हर कोई नही खरीद पाता है । 
क्या आप ने कभी सोचा है की Apple का डिवाइस इतना महंगा क्यूं होता है । तो चलिए मैं बताता हूं । 
Apple की असली खासियत है इसका ऑपरेटिंग सिस्टम ios जिसपर Apple की डिवाइस रन करती है । इसी के कारण Apple , Android और windows ऑपरेटिंग सिस्टम से बिलकुल अलग है ।

ios वह सॉफ्टवेयर है जिसके ऊपर आज सभी Apple की डिवाइस जैसे - 
i phone , i pad , i pod इत्यादि रन करती है ।

ios , Apple द्वारा बनाया गया एक ऑपरेटिंग सिस्टम है । 

ios इस्तेमाल करती है मल्टीटच  इंटरफेस को जिसमे simple gesture की मदत से डिवाइस को ऑपरेट किया जाता है । 

Simple gestures का अर्थ है - जैसे डिवाइस के screen के  उपर अपनी उंगली को स्वाइप करना जिससे अगले पेज पर जाकर काम कर सके । और स्क्रीन की जूम करने के लिए उंगली को पिंच करना यह सब काम आप ios में आसानी से कर सकते है।  

ios अपने device के सेंसर को काफी मजबूत बनाता है जो आपके उंगली को तुरंत डिटेक्ट कर आपका काम आसान कर देता है ।


ios , Apple डिवाइस को हार्डवेयर के सभी पहलुओं को कंट्रोल करता है । साथ ही सॉफ्टवेयर के सभी कार्यों  को यही संभालता है । इसका मतलब है ios अपने सभी यूजर को अच्छा अनुभव देता है । जिसमे हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर के साथ कनेक्ट किया जाता  है । जिससे यूजर को डिवाइस के हार्डवेयर से अच्छा परफॉर्मेंस मिलता है । 


Apple की App store में 2 मिलियन से भी ज्यादा ios App download करने के लिए मैजूद है । 



iOS का इतिहास क्या है ( History of iOS in hindi) 

 
सन् 2005  में स्टीव जॉब्स ने i फोन बनाने की घोषणा की तो उनके पास दो विकल्प थे पहला मेक को छोटा करना जो Apple कंपनी का  macintosh desktop हैं । और दूसरा था i pod को और बड़ा करना इस समस्या को सुलझाने के लिए वह mac और i pod बनाने वाले दल से मिले और उसके बाद उन्होंने i फोन के लिए ios बनाने का निर्णय लिया उसके बाद सन् 2007 जनवरी में i फोन के साथ नया ऑपरेटिंग सिस्टम रिलीज किया गया  । 
i phone के रिलीज के समय इस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम i phone OS रखा गया था । 
शुरुआत में i phone के OS में किसी भी third party aap को device में रन करने की इजाजत नहीं दी थी । स्टीव जॉब्स का विचार था कि एप्लीकेशन डेवलपर safari web browser के जरिए web , apps को ड्वेबलॉप कर सकते हैं ताकि i phone web apps के उपर निर्भर करें जो natives app's यानी देसी aap की तरह व्यवहार करेगा । 

अक्टूबर 2007 में Apple ने घोसना की , की एक मूल सॉफ्टवेयर डिल्पमेंट कीट SDK विकास में है और उन्होंने इसे डेवलपर के हाथों में फरवरी में रखने की योजना बनाई । 
6 मार्च 2008 में i phone SDK बनकर तैयार हो गया था। 
10 जुलाई 2008 को ios Apps Store को खोला गया जिसमे शुरुआत में सिर्फ 500 एप्लीकेशन था । लेकिन सितंबर 2008 से लेकर साल 2007 तक इसकी संख्या 2.2 मिलियन हो गई थी । 
सितंबर 2007 में Apple ने i phone की घोषणा की उसके बाद जनवरी 2010 में i pad की घोसणा की । जिसमे  i pad , i phone की तुलना मे बड़ी स्क्रीन थीं।  जिसे वेब ब्राउजिंग , रीडिंग के लिए तैयार किया गया था । 

जून 2010 में Apple ने i phone OS को iOS के नाम से बदल दिया था । पहले iphone os ज्यादा प्रोग्राम को संभाल नहीं पाता था इसलिए उन्होंने नया ऑपरेटिंग सिस्टम ios बनाना परा। apple का ios वर्तमान का मुख्य सॉफ्टवेयर है । जो iphone, ipad , ipod के सभी मोडल पर चलता है । 
Apple iOS में जब भी कोई नया फीचर ऐड करता है तब इसे सॉफ्टवेयर अपडेट कहा जाता हैं।  Apple हर साल ios का नया वर्शन लाता रहता है । 
और ios की एक खास बात यह है की जब भी इसमें नए फीचर ऐड किए जाते है तो यह तुरंत ही ios के सभी डिवाइस को सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए इजाजत दे देता है । जबकि दूसरे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में फीचर के रिलीज होने के बाद भी उसे अपने डिवाइस में पाने के लिए इंतजार करना परता है ।
और अब जानेंगे की ios दूसरे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम से अलग क्यूं है । 
ios दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम से बिलकुल अलग है क्यूंकि ये अपने डिवाइस में मौजूद सभी apps को अपनी protective shell के अंदर रखता है जिससे aap एक दूसरे से दूर रहें और एक दूसरे के काम में दखलअंदाजी न करें ios को इस प्रकार इसलिए डिजाइन किया गया है की अगर डिवाइस में गलती से भी aap के जरिए virus आ जाता है तो वह दूसरे aap को नुकसान नहीं पहुंचा सके । 


तो फ्रेंड्स आपको यह जानकारी कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताएं । 

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