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कैंसर (cancer) : कारण , लक्षण , इलाज क्या है ।

 

 फ्रेंड्स आज मैं आपको एक नए विषय के बारे में बताने वाला हु । आज हम जानेंगे की कैंसर क्या है । आप सब से कैंसर के बारे में जरूर सुना होगा की किसी को ब्रेन कैंसर है तो किसी को ब्लड कैंसर । तो आखिर ये कैंसर क्या है और कैसे होता है । इस गुत्थी को आज सुलझाने वाले है । और आपको इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हु ताकि आप सचेत रह सके ।




कैंसर क्या है (what is cancer in hindi) 


कैंसर मानव के भयंकर रोगों में से एक है । और पूरे दुनिया में मौत का प्रमुख कारण बना है । 
कैंसर अनियमित वृद्धि वाली कोशिकाओं का एक समूह है । इसे साधारण भाषा में समझे तो कैंसर में कोशिका (cell)  अनियंत्रित तरीके से वृद्धि करने लगता है । 
हम सभी जानते हैं कोशिका में निरंतर विभाजन होता रहता है । इस विभाजन को आदि ओन्कोजीन्स प्रेरित करता है । यदि डीएनए के किसी अणु के द्विगुणन के ‌‌‌समय त्रुटि के कारण किसी आदि ओन्कोजीन्स का उत्परिवर्तन या म्यूटेशन (mutation) हो जाता हैं तो कोशिका की वृद्धि और विभाजन अनियंत्रित हो जाता है । और ये कोशिकाएं एक गांठ जैसा रूप ले लेती हैं जिसे अबुर्द या ट्यूमर (tumor) कहा जाता हैं । 
बाद में यही ट्यूमर कैंसर का रूप ले लेती है । 
तो चलिए थोड़ा ट्यूमर के बारे में भी जान लेते है । 

ट्यूमर के प्रकार  


ट्यूमर दो प्रकार के होते है । 

1. बिनाइन ट्यूमर 

2. मैलिग्नेंट ट्यूमर 


बिनाइन ट्यूमर 


यह स्मान्यतया अपने मूल स्थान तक सीमित रहता है , शरीर के दूसरे भागों में नहीं फैलता है तथा इनसे मामूली क्षती होती है । 


मैलिग्नेंट ट्यूमर 


यह बहुत खतरनाक ट्यूमर होता है और यह बहुत तेजी से शरीर में फैलता है । और शरीर को काफी  क्षति पहुंचाता है ।  ।


कैंसर के प्रकार (types of cancer in hindi) 

प्रभावित उतकों के आधार पर कैंसर कई प्रकार का होता है । 


सार्कोमा (sarcoma)


इस प्रकार की दुर्दम वृद्धि भ्रुणीय मीसोडर्म में होती है जैसे - अस्थि पेशी , लिम्फ ग्रंथि , तथा संयोजी ऊतक का कैंसर , इसे सार्कोमा का कैंसर कहा जाता है । 


कार्सिनोमा (carcinoma)


एपिथिलियम ऊतक या त्वचा की दुर्दम वृद्धि को कार्सिनोमा कहते है । जैसे - त्वचा , फेफड़े , स्तन , आमाशय , और अग्न्याशय का कैंसर , कार्सिनोमा कैंसर के अंतर्गत आता हैं । 


ल्यूकेमिया (Leukemia)


यह रुधिर (ब्लड) का कैंसर है जिसमे अस्थि मज्जा में कोशिकाओं के अनियंत्रित प्रचुरोद्धवन के कारण रुधिर में ल्यूकोसाइट्स (WBC) की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होती हैं । इसे ब्लड कैंसर कहा जाता है । 



कैंसर के कारण (Causes of cancer in hindi) 


1. धूम्रपान (smoking) 


सिगरेट - बीड़ी पीने से फेफड़ों में कैंसर हो जाता है । इसे मुख , गलें तथा लैरिंक्स में भी कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है । 

2. तम्बाकू चबाना (chewing of Tobacco) 

सुपारी और तंबाकू चबाने से मुख का कैंसर होता है । इसलिए तंबाकू से आपको बचना चाहिए   ।


3. रसायनों का प्रयोग (Use of Chemicals)


कुछ रसायनों से भी कैंसर उत्पन्न होता हैं जैसे - निकोटिन , कैफिन , कोयला , गाड़ियों से निकले धुएं में अदग्ध हाइड्रोकार्बन तथा अनेक प्रकार के पोलीसाइक्लिक हाइड्रोकार्बन आदि है । कुछ लिंग हार्मोन और स्टीरॉयड को अधिक समय या अधिक मात्रा में देने से कैंसर हो जाता है । 


4. क्षतिग्रस्त भाग व चोट (Injury) 


शरीर के किसी भाग में अधिक समय तक क्षतिग्रस्त रहने से भी कैंसर हो जाता है । उदाहरण के तौर पर , दांत का कुछ भाग टूटने पर वह लगातार जीभ को उत्तेजित करता हैं । जिससे जीभ के उत्तेजित भाग में कैंसर हो सकता है । 


5. भौतिक उत्तेजना (physical irritation) 


शरीर के किसी भाग में लगातार उत्तेजित होने से उस भाग में कैंसर हो सकता है । सर्दी के मौसम में कश्मीरी लोग अपने कपड़  के अंदर वक्ष के पास एक छोटी कांगड़ी रखते है । इसके कारण त्वचा उत्तेजित होती है जिससे उसे भाग में कैंसर होने की संभावना होती है । 



कैंसर का फैलाव (spread of cancer)


किसी स्थान पर कैंसर कोशिकाएं विभाजन करके ट्यूमर का रूप ले लेती हैं । अब यह ट्यूमर आसपास के उतकों के उपर फैलकर उन्हे नष्ट कर देता है । 


2. कभी - कभी कैंसर कोशिकाएं ट्यूमर से पृथक् होकर  लिम्फ संचरण के साथ शरीर के अन्य भागों में पहुंचकर विभाजन शुरू कर देती है । इस प्रकार का कैंसर सबसे अधिक घातक होता है ।  



3. अस्थि मज्जा तथा संयोजी ऊतक में उत्पन कैन्सिरस ट्यूमर की कोशिकाएं रुधिर के साथ तेजी से शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाती है । और रोग पैदा करतीं है ।



कैंसर लक्षण (Symptoms of cancer)


1. शरीर के किसी भाग में गांठ का बनना जैसे होंठ , जीभ ,  स्तनों में , स्त्रियों में स्तन कैंसर ही सामान्य रूप से पाया जाता हैं । 

2. जख्म या फोड़ा जल्दी भरकर ठीक न होना । 

3. कब्ज का बना रहना या भूख न लगना ।

4. वजन में लगातार कमी होना । 

5. शौच निवृति के समय में अनियमित परिवर्तन ।

6. किसी तिल या मस्से का अचानक तेजी से वृद्धि करना । 



कैंसर का उपचार (Treatment of cancer) 


वैज्ञानिकों को अभी तक  कैंसर का निश्चित इलाज नहीं मिल पाया है । आजकल शल्य चिकित्सा , विकिरण चिकित्सा, प्रभावित क्षेत्र को X- किरणों द्वारा अनावृत करके इम्यूनोथेरेपी तथा कीमोथेरेपी द्वारा इलाज किया जाता है । 
कुछ औषधीयां भी कैंसर में लाभ पहुंचाती है । यह औषधियां कैंसर कोशिकाओ में विभाजन को रोककर नष्ट कर देती है । आजकल इंटरफेरॉन का प्रयोग भी कैंसर के इलाज में किया जाता है । 
 

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