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Heart Attack क्या है इसके कारण लक्षण और इलाज क्या है ।

   

        हार्ट अटैक Heart              Attack क्या हैं ।


Heart Attack



 हार्ट अटैक (Heart Attack) क्या है और हार्ट अटैक Heart Attack होने का क्या कारण है । और हार्ट अटैक के लक्षण और बचाव के इसके बारे में जानेंगे  । अगर आपको हार्ट क्या है के बारे में जानना है ,  तो पहले यह पोस्ट पढ़ें  - हार्ट क्या है        


हार्ट अटैक (Heart Attack) दिल से जुड़ी एक ऐसी बीमारी हैं जो बहुत खतरनाक है और इस बीमारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता , क्यूंकि हार्ट अटैक पलभर में किसी की जान ले सकता है । इसलिए इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए जिससे आप इस बीमारी को पहचान सके और वक्त रहते इसका इलाज शुरू कर सकें । 


आजकल हार्ट अटैक का केस युवाओं में भी ज्यादा देखा जा रहा है और कई युवा इस बीमारी से जान गवां बैठे है । इसलिए इस बीमारी को पहचान कर इसका समय रहते इलाज कर लेना  जरूरी है  । 



हार्ट अटैक क्या हैं (Heart Attack kya hai in hindi)



Human Heart


हार्ट अटैक , हार्ट (दिल) से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसे हिंदी में हृदयाघात या दिल का दौरा कहते है ।    हम  जानते है की हमारा हार्ट ऑक्सीजन युक्त ब्लड को पूरे शरीर मे पहुंचाता है । लेकिन जब हार्ट की नलियों में कोलेस्ट्रॉल के मात्रा बढ़ने लगती है तो ब्लड को हार्ट के करोनरी आर्टरी तक नहीं पहुंच पाता है । और जब कोलेस्ट्रॉल अधिक बढ़ जाता हैं तो आर्टरी पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता है और उस जगह रक्त का थक्का बन जाता है ।  जिससे ब्लड हार्ट तक नहीं पाता है । जिससे हार्ट की कोशिका डेड यानी मरने लगती है ।


 इसे और सरल शब्दों में समझें तो हार्ट में तीन तरह की करोनरी आर्टरी (धमनी) होती है । जो हार्ट को ऑक्सीजन सप्लाई करती है ।और किसी कारण इन आर्टरी में कोलेस्ट्रॉल ( चर्बी ) बढ़ने लगती है । फिर यह धीरे - धीरे  ब्लड को ब्लॉक करने लगती है । और फिर  ज्यादा चर्बी बढ़ने पर यह  ब्लड को पूरी तरह से ब्लॉक कर देती है जिसे हार्ट ब्लॉकेज (Heart blockage) कहते है । जिस वजह से हार्ट को ऑक्सीजन युक्त ब्लड हार्ट को नही मिल पाता है  और हार्ट डेड होने लगती है । जिसके कारण सीने में दर्द होने लगती है जिसे हार्ट अटैक कहते है । 


Minor Heart Attack और Mazor Heart Attack और Massive Heart Attack का नाम आपने सुना होगा । ये क्या होता है चलिए जानते हैं । अगर किसी को हार्ट अटैक आता है तो  हार्ट अटैक कितना बड़ा है यह डिपेंड करता है की उसे कौन सा हार्ट अटैक आया है और हार्ट के किस लोकेशन पर ब्लॉकेज हुआ है  । सब हार्ट अटैक से व्यक्ति की मौत नही होती है । 



Minor Heart Attack क्या होता हैं 

Minor Heart Attack वह हार्ट अटैक है जिसमे blockage आर्टरी के end point पर होता है । और इससे छोटा सा हिस्सा डेड होता है । जिससे हार्ट अटैक उतना बड़ा नही होता है । और इस हार्ट अटैक से  इंसान की मरने की संभावना बहुत कम होती है । 


Mazor Heart Attack क्या होता है 

Mazor Heart Attack वह हार्ट अटैक है जिसमे blockage ट्यूब के शुरुआत में होता है । और यह minor attack से पावरफुल होता है इस अटैक में आदमी मर भी सकता है और बच भी सकता हैं  । अगर सही समय पर तुरंत इसका इलाज हो जाए तो व्यक्ति की जान बच  सकता हैं । 



Massive Heart Attack क्या होता हैं 


Massive Heart Attack वह हार्ट अटैक होता है जिसमे Left side के ट्यूब में जिसे Left main कहते है दो भागों में बटा होता है । और जब Massive Heart Attack आता है तो यह left main के पहले ही blockage हो जाता हैं । जिससे जिससे हार्ट का 70% हिस्सा मर जाता है । और यह हार्ट अटैक बहुत पावरफुल होता है । यह हॉस्पिटल जाने का समय भी नही देती इससे व्यक्ति की मौत मौके पर ही हो जाती है । 




हार्ट अटैक होने का कारण (Causes of Heart Attack in hindi) 


Heart blockage


चलिए अब हार्ट अटैक होने के कारणों के बारे में जानते है । क्योंकि किसी भी बीमारी होनें का कारण होता है ।और हमें कारणों का पता होना जरूरी है  । 


1. अनुवांशिक :- हार्ट अटैक अनुवांशिक भी हो           सकता है । अनुवांशिक का अर्थ है की आपके पिता     को या उसके पिता को हार्ट अटैक की प्रॉब्लम्स रही      हो । 



2. तनाव में रहना :-  अगर आप तनाव में रहते हो तो भी हार्ट अटैक आने के संभावना बढ़ जाती है । क्यूंकि तनाव आदमी को मानसिक रूप से कमजोर बना देती है । और शरीर में इसकी वजह से कई बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती हैं । इसलिए तनाव न ले । 


3. शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होना :- शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से हार्ट की नलियों में जमा होने लगता है और हार्ट की नलियों को ब्लॉक कर देती है । जिससे ब्लड हार्ट तक नहीं पहुंच पाता । इसलिए सबसे जरूरी है कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना ।



4. स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन :- स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन आपके सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है । और इसके सेवन से हार्ट अटैक आने की संभावना काफी बढ़ जाती है । और इसके साथ यह आपके दूसरे ऑर्गन को भी नुकसान पहुंचता है । इसलिए अगर आप अच्छा सेहत चाहते है तो स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन करना आपको छोड़ना होगा  ।



5. हाई ब्लड प्रेशर :- हाई ब्लड प्रेशर भी हार्ट अटैक आने का कारण बन सकता है । इसलिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहे । और हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखे । 


6. डायबिटीज :- डायबिटीज के मरीज को हार्ट अटैक आने का खतरा ज्यादा रहता है । इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल में रखना जरूरी है ।



हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of heart attack in hindi)


चलिए अब आपको हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानते हैं । 


सांस लेने ने तकलीफ  :- अगर चलते वक्त आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है ,  तो इसका मतलब आपके  हार्ट को ठीक तरीके से  नही पहुंचा रहा । 


सीने में दर्द :-  सीने में दर्द होना हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक एक है । कई बार इंसान इस दर्द को मामूली समझकर छोर देते है , लेकिन हर दर्द मामूली नही होता । इसलिए ऐसा होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाए । 


सांस फूलना  :- चलते वक्त सांस फूलना भी हार्ट अटैक के लक्षण है । 


पैरों में सूजन - हार्ट अटैक का एक लक्षण यह भी पैरों में सूजन परना । क्योंकि हार्ट ब्लड को पूरे शरीर में नही पहुंचा पाता है । इसलिए पैरों में सूजन परने लगता है । 





हार्ट अटैक से बचाव (precaution of heart attack in hindi)


चलिए हार्ट अटैक से बचने के तरीकों के बारे में जानते है । और क्या आप सावधानियां बरतें जिससे इस बीमारी से बच सकें । 


कोलेस्ट्रॉल -  हार्ट अटैक से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल को कम करें । इसके लिए खाने में विशेष ध्यान देना होगा । वह भोजन करना होगा जिससे कोलेस्ट्रॉल न बढ़े । 



मोटापा - मोटापा को कम करें । इसके लिए आप रोज व्यायाम करें इससे आप फिट रहेंगे और कई सारी बीमारियों से बचेंगे । 


स्मोकिंग न करें -  अगर आप हार्ट अटैक जैसी बीमारी से बचना चाहते है तो इसके लिए स्मोकिंग और अल्कोहल को छोड़ना होगा । 



डायबिटीज को कम करें - हार्ट अटैक से बचने के लिए डायबिटीज को कम करना होगा । इसके लिए आपको डायबिटीज का चेकअप करा कर उसे नॉर्मल करना होगा । 



हार्ट अटैक का इलाज (treatment of heart attack in hindi) 


अब आपको हार्ट अटैक के इलाज के बारे में बताते है । अगर किसी हार्ट अटैक की प्रॉब्लम्स है तो वह इसका इलाज करा के ठीक हो सकते है । 



बायपास सर्जरी (Bypass surgery)


करोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज के कारण ब्लड हार्ट में नही पहुंच पाता है । इसके लिए बायपास सर्जरी की जाती है । बायपास सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे हार्ट में रक्त संचार फिर से शुरू किया जाता है । 
इस क्रिया में शरीर के दूसरे हिस्से से एक स्वस्थ धमनी का एक टुकड़ा लिया जाता है । और उसे करोनरी के ब्लॉकेज वाली जगह लगा दिया जाता है । लगाई गई धमनी रुके हुवे धमनी को बायपास कर देती है । जिससे रक्त प्रवाह फिर से शुरू हो जाता है । और दिल की फिर से ऑक्सीजन युक्त ब्लड मिलने लगता है । 

बायपास सर्जरी आदमी को बेहोश कर के किया जाता है । इसके लिए एक ट्यूब गले से मुंह में डाला जाता है । जो आदमी को सांस लेने में मदत करती है । 
और मूत्राशय में भी एक पाइप लगाया जाता है जो बाहर एक थैली से जुड़ी होती है जिसे कैथेटर कहते है ।  डॉक्टर सबसे पहले प्रेस बोन पर एक चीरा लगा देते है । और पशालियों का हटाकर हार्ट तक पहुंचते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान संचार प्रणाली को कार्डियो पल्मनरी बाईपास पंप से जोड़ दिया जाता है । जो सर्जरी के दौरान दिल और फेफड़ों का सारा काम संभालती है । इस मशीन के जरिए ही ह्रदय गति को रोककर रुकी हुई धमनी में एक स्वस्थ धमनी जोड़ पाता है । धमनी जोड़ने की प्रक्रिया को ग्राफ्टिंग कहा जाता है । 
इसमें एक या दो रक्तवाहिकाओं का इस्तेमाल किया जाता है । जो छाती में मैजुद इंटरनल थोरासिक आर्टरी और टांग में मैजूद  सैफेनस वेन । 
इंटरनल थोरासिक आर्टरी ग्राफ्ट करने के लिए सर्जन धमनी का ऊपरी छोर सवकैवियन आर्टरी से जुड़ा रहने देते है और निचले छोर को कोरोनरी धमनी के रुकावट वाली जगह से पहले ही टांके लगा दिया जाता हैं । 
सैफेनस वेन को ग्राफ्ट करने के लिए नस के एक छोर की अयोटा से जोर देते है और नस के दूसरे हिस्से को करोनरी धमनी के रुकावट से पहले ही जोर देते है । और टांके लगा देते है । जब ग्राफ्टिंग पूरी तरीके से लग  जाती है तो सर्जन इलेक्ट्रिकल सिंगनल की मदत से ह्रदय को फिर से चालू कर देते है । 
ह्रदय में एक अस्थाई रूप से एक बेसमेकर भी लगाया जाता हैं । जब डॉक्टर यह सुनिश्चित कर लेते है की ह्रदय सामान्य रूप से धड़क रहा है, तो हार्ट में लगे मशीन को निकाल लिया जाता हैं । और प्रेस बोन को बंद कर दिया जाता है और त्वचा पर टांके लगाकर चीरे को बंद कर दिया जाता है । 
उसके बाद हार्ट फिर से ठीक से काम करने लगता है ।


Disclaimer:- यह जानकारी आपको ज्ञान के लिए बताया गया है । अगर आपको कोई बीमारी हो तो आप अपने डॉक्टर से सलाह लें । 

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