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हार्ट (heart) क्या है । और यह कैसे कार्य करती है।




हैलो फ्रेंड्स आज का पोस्ट बहुत ही खास होने वाला है ।
 क्यूंकि आज के इस पोस्ट में मैं बताने वाला हु की ह्रदय या दिल (heart) किसे कहते है और यह कैसे कार्य करता है ।
मानव शरीर में ह्रदय का क्या रोल है ।
और यह मानव शरीर के लिए क्यू जरुरी है  ।

Table of contents

ह्रदय या दिल क्या है  ?
मनाव शरीर में ह्रदय की क्या भूमिका है ?                      ह्रदय (heart) की बनावट कैसा है  ?
ह्रदय कैसे कार्य करता है ? 
ह्रदय के बारे में कुछ फैक्ट ? 

दिल क्या हैं -(what is heart ❤️)

दिल एक ऑर्गन है जो  बाकी सारे ऑर्गन की तरह हमारे शरीर में पाया जाता है । दिल शरीर के दोनो फेफड़ो के मध्य में होता है   । यह तिकोना होता है ।
दिल ह्रद पेशियो (cardiac muscle) से बना होता हैं   ।
जो एक अनेच्छिक  पेशी ( involuntry muscle ) ऊतक है जो केवल ह्रदय अंग में ही पाया जाता हैं । 

दिल एक पेशीय (muscle) अंग है  ।  जो सभी कशेरुकी   (vertibrate) जीवों में आवर्त ताल बद्ध संकुचन द्वारा रक्त  का प्रवाह  शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है । 


दिल का मुख्य कार्य रक्त या खून (blood) को पंप करके पूरे शरीर में पहुंचाना । 
हमारे शरीर में दो तरह के रक्त होता है एक शुद्ध रक्त (oxygenated blood) और एक अशुद्ध रक्त  ( (deoxygenated blood)।  दिल इन अशुद्ध रक्त को फेफड़ो में भेज देता है जहां पर जाकर यह सांस द्वारा लिए गए ऑक्सीजन से मिलकर शुद्ध हो जाता है और फिर दिल द्वारा पूरे शरीर में भेज दिया जाता हैं ।  यह क्रिया चलता रहता है ।





मानव शरीर में ह्रदय की भूमिका   

मानव शरीर में ह्रदय की बहुत अहम भूमिका है । यह रक्त को पंप करके पूरे शरीर में पहुंचाता है । 




दिल की सरंचना या बनावट (structure of heart ) - 


दिल में चार चेंबर होते है । जो नीचे दिए गए है -
1.  दाया अलिंद।  right auricle 
2.   बायां अलिंद।  left auricle

3.   दायां निलय    right ventricle
4.   बायां निलय।    left ventricle



   




ह्रदय में चार चैंबर होते है । जिसे दायां अलिंद , बायां अलिंद और दायां निलय , बायां निलय कहते है । 
ह्रदय में दायां और बायां दोनो एक दूसरे से मांस के द्वारा अलग होते है । जिसे सेप्टम कहते है । 


ह्रदय कैसे कार्य करता है (how does the heart work) ? 



हमारे शरीर में दो तरह के ब्लड होते है एक ऑक्सीजेनेटेड ब्लड और  डीऑक्सीजेनेटेड ब्लड । 
Deoxygenated blood रक्त वाहिनियों द्वारा ह्रदय के दायां अलिंद (right  atrium )में आता है । फिर यह एक वाल्व के द्वारा दायां निलय (right ventricle) में आता हैं। फिर यह निलय द्वारा फेफड़ो में भेज दिया जाता है । ताकि यह deoxygenated blood हमारे द्वारा लिए गए ऑक्सीजन से मिलकर ऑक्सीजेनेटेड ब्लड में बदल जाए ।
फिर जब यह रक्त फेफारो में ऑक्सीजेनेटेड ब्लड में बदल जाता है फिर यह oxygenated blood बायां अलिंद में आता है । उसके बाद यह वाल्व के द्वारा बायां निलय में आता है । निचले निलय उपरी आलिंदों से अधिक मोटे ओर प्रबल होते हैं। बाएं निलय की पेशीय दीवार, दायें निलय की दीवार की तुलना में अधिक मोटी होती है, क्योंकि सिस्टेमिक परिसंचरण (systemic circulation) के माध्यम से रक्त को पम्प करने के लिए अधिक बल की जरुरत होती है।


बायां निलय द्वारा oxygenated blood को पंप करके पूरे शरीर में परिसंचरण  करता है ।


ह्रदय के बारे में कुछ फैक्ट्स -


*   ह्रदय 1 मिनट में 72 बार धड़कता है ।

*   ह्रदय 1 मिनट में 70 मिलीलीटर रक्त पंप करता है ।

*    ह्रदय का वजन 300 ग्राम होता है ।

*    हमारे शरीर में रक्त की कुल मात्रा 5 - 6 लीटर होती है ।


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